Saturday 28 December 2013

अच्छे आदमी

अच्छे आदमी स्व्यं में  महत्वपूर्ण घटना हैं
अच्छे आदमी जो कभी चिढ़ाते रहे हैं शैतान को
सच करते रहे हैं धरती पर होना ईश्वर का

अच्छे आदमी ईश्वर के बिना भी अच्छे रह सकते हैं
जब वे नाराज होते हैं और किसी को भी नहीं मानते
जब वे खुश रहते हैं और आमंत्रण कि मुद्रा में होते हैं
अच्छे आदमी अच्छे ही रहते है 

Saturday 7 December 2013

अस्मिताओं का संकट

अस्मिताओं का संकट भारत कि सबसे प्रमुख समस्या है .भारत में पेशेवर राजनीति के विकसित न होने के पीछे भी उसकी अस्मितावादी सामुदायिक संरचना ही है .यह बिना विचार और आधार के ही राजनीतिज्ञों को समर्थक उपलब्ध कराती है .यद्यपि यह सच है कि भारतीय समाज पश्चिम की तरह व्यक्ति -केन्द्रित ईकाइयों वाला नहीं हो सकता और यह भी कि इसकी अंतिम ईकाई अब भी परिवार ही है .कल्याणकारी राज्य की अवधारणा की विफलता और भारी भ्रष्टाचार के बावजूद इसकी स्थिरता का रहस्य इसका परिवारवाद ही है.यहाँ मेरा आशय नेताओं और अभिनेताओं के परिवारवाद से नहीं है ,उस परिवारवाद से है ,जो अंधों की उंगली पकडे और लंगड़ों को अपने कन्धों पर बिठाए हुए बिना किसी सरकारी सहायता के उसे ढोता दिखाई देता है . पारिवारिक संवेदनशीलता और दायित्वबोध के कारण ही  भारतीय नेतृत्वऔर उसका प्रशासन दुनिया की सबसे नक्कारा प्रजाति है .वे अत्यंत न्यूनतम सृजनशीलता के साथ मजे-मजे राज करते रहते हैं ......